ऊर्जा अवसंरचनाएं - Energy

सर्वांगीण सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए ऊर्जा एक प्रमुख आवश्यकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में लकड़ी एवं अन्य पारंपरिक ईंधन स्रोतो का उपयोग ऊर्जा प्राप्ति हेतु किया जाता है। अभी तक बहुत सारे गांव ऐसे हैं जहां बिजली नहीं पहुंची है और जहां पहुंची भी है वहां आपूर्ति नियमित और पर्याप्त नहीं है। सरकार ने अगस्त 2006 में ग्रामीण विद्युतीकरण नीति लागू की थी जिसके तहत वर्ष 2009 तक सारे ग्रामीण घरों तक बिजली पहुंचानी थी। इसके तहत उन गांवों को विद्युतीकृत मान लिया जाता है जहां :
यदि बेसिक साधन जैसेकि वितरण ट्रांसफार्मर और लाइंस मौजूद हैं।
यदि कम से कम 10 प्रतिशत घरों में बिजली कनेक्शन दिया गया हो।
यदि सभी सार्वजनिक स्थानों पर बिजली पहुंच चुकी हो।
इन दिशा-निर्देशों से हम लोग सांख्यिक तौर पर तो गांवो को विद्युतीकृत कर लेंगें, पर वास्तव में क्या ये ग्रामीण लोगों के जीवन में कोई सुधार ला पाएगा। इसके साथ-साथ भारत सरकार ऊर्जा के क्षेत्र में विषमता और बाधाएं दूर करने के लिए निम्नलिखित योजनाएं चला रही है -
राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना : इस योजना का शुभारम्भ 4 अपै्रल, 2005 को इस उद्देश्य के साथ किया गया कि इससे सारे गांवों तथा कस्बों को विद्युतीकृत किया जाएगा, और साथ ही गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों को मुफ्त में विद्युत कनेक्शन दिया जायेगा। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रत्येक ब्लॉंक में कम से कम 33/11 के वी ए या 66/11 के वी ए वाला सब स्टेशन - ग्रामीण विद्युत वितरण बैकबोन (आर ई डी बी) और प्रत्येक गांव में कम से कम एक ट्रांसफार्मर स्थापित किया जाएगा।
सुदूर ग्रामीण विद्युतीकरण परियेजना : इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य सुदूर गांवो में आधारभूत बिजली या प्रकाश की व्यवस्था नवीकरणीय स्रोतो द्वारा करना था। विशेष वरीयता आंतरिक अशांति द्वारा प्रभावित गांवों को दी जाती है।
कुटीर ज्योति योजना : अनुसूचित जाति एवं जनजाति, तथा गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों के जीवन-स्तर को ऊंचा उठाने के लिए इस योजना का शुभारम्भ 1988-89 में किया गया था। प्रत्येक परिवार को एक बिजली कनेक्शन के लिए 400 रूपये की आर्थिक सहायता दी जाती है।
राजीव गांधी ग्रामीण एलपीजी वितरण योजना : ग्रामीण लोगो के स्वास्थ्य एवं पर्यावरण की सुरक्षा हेतु सरकार ने लकड़ी तथा अन्य पारम्परिक ईंधन के इस्तेमाल को हतोत्साहित करने के लिए राजीव गांधी ग्रामीण एलपीजी वितरण योजना की शुरूआत 16 अक्टूबर, 2009 को की। इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में एलपीजी घनत्व बढ़ाना।

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