कृषि क्षेत्र के विकास हेतु आधारभूत संरचनाएं

कृषि क्षेत्र के विकास हेतु आधारभुत संरचना में सिंचाई, बाढ़ रोकथाम एवं कमांड क्षेत्र विकास आदि शामिल है। भारत सरकार ने सूखा सम्भावित क्षेत्र कार्यक्रम को 1973-74 में शुरू किया था। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य वातावरण संतुलन को भूमि, जल, और दूसरे प्राकृतिक संसाधनों के संतुलित विकास द्वारा पुनः स्थापित करना था। इसी प्रकार से मरूभूमि विकास कार्यक्रम 1977-78 में शुरू किया गया था। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य मरूभूमि क्षेत्रों में सूखे के असर को खत्म करना तथा साथ ही पारिस्थितिकी संतुलन कायम करना और भूमि व जल स्रोतो की उत्पादक क्षमता का विकास करना था। कृषि क्षेत्र के विकास की दिशा में एक अन्य योजना है। इंदिरा गांधी नहर सतलुज और व्यास के संगम पर स्थित हरिके बांध से निकलती है। 
इस नहर द्वारा मुख्यतः थार रेगिस्तान क्षेत्र की सिंचाई होती है। इसके फलस्वरूप इस क्षेत्र के लोगों के जीवन-स्तर में काफी सुधार हुआ है।
कृषि क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र में अनिवार्य आधारभूत संरचनाओं के निर्माण की दिशा में मनरेगा एक अन्य महत्वपूर्ण योजना है। विश्व की सबसे बड़ी व महत्वाकांक्षी परियोजना महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना 200़6 में शुरू की गई थी। इसके 6 साल बाद भारतीय ग्रामीण क्षेत्रों की तस्वीर आज काफी बदल चुकी है। इस योजना के द्वारा कृषि क्षेत्र की सहयोगी सहित कई आधारभूत संरचनाओं के निर्माण की दिशा में कार्य किए जा जा रहे हैं। मनरेखा कानून में प्रावधानों के तहत इसके दायरे में प्रमुख रूप से जल व मिट्टी संरक्षण, वनीकरण, भूमि विकास कार्य शामिल किए किए है। 4 मई , 2012 को 30 अन्य नए कार्य भी इसमें शामिल किए गए है।
सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान के साथ भी इसका अभिसरण किया गया हैं। यह कार्यक्रम गरीबी निवारण परियोजना के रूप में प्रमुख तौर पर चिन्हित किया गया है।

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