दहेज
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हलर-हलर मे मड़वा हाले,
खलर-खलर दाइज पर
सुरहित गइया के गोबर मंगई ले
खुट धरि अंगना लिपई ले
गल मोतियन के चौक पुरई ले
सोने कलस धरई ले।
कोन देवो मोर अवहर पवहर
कोन देवे धेनू गाय
ददा मोर टिकथे हंसा घोड़ा
दाई मोर टिकथे अवहर पवहर
भइया मोर टिकथे कनक के थार
भऊजी कहे सियाराम।
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