
शंकरलाल शुक्ल ने ‘‘मनखे ला कतेक भॅुया चाही’’ नामक कहानी में लियो टाॅल्सटाॅय की एक कहानी ‘‘हाउ मच लैंड ए मैन रिक्वायर’’ का भावानुवाद प्रस्तुत किया। छत्तीसगढ़ी में हास्य और व्यंग्यप्रधान कहानीकारों में ध्रुवराव वर्मा ने अपनी कहानियों में ठेठ छत्तीसगढ़ी का प्रयोग किया है तथा उनकी कहानियों के संवाद स्वाभाविक है। इस दृष्टि से ‘‘हाथ रे मोर मुसर, तै नहीं दुसर’’ ‘‘तीन साला तरिया’’ ‘‘छेरी चरवाहा’’, ‘‘आव बादर बरस पानी’’, ‘‘हाय रे मोर धमना’’ और ‘‘संगवारी’’ विशेष रूप में उल्लेखनीय है।
रंजनलाल पाठक की भी अनेक कहानियाॅ प्रकाशित हुई हैं, जिनमें ‘‘खुरबेटा’’ और ‘‘लेड़गा मंडल’’ प्रमुख है।
शिवशंकर शुक्ल की कहानियों के दो संग्रह निकल चुके है। ‘‘डोकरी के कहिनी’’ में पाॅच शिशु - कथाएं नये कलेवर में प्रस्तुत है।
पालेश्वर प्रसाद शर्मा की कहानियों का संकलन ‘‘सुसक झन कुररी सुरता ले’ प्रकाशित हुआ है। इन कहानियों के द्वारा नये रस की सूष्टि का प्रयास किया गया है।
इसी संदर्भ में नरेन्द्र देव वर्मा की कुछ छत्तीसगढ़ी कहानियों को भी उद्धृत किया जाता है। इनकी कथाएं आकाशवाणी से प्रसारित हो चुकी है।
हेमनाथ यदु एक ऐसे कहानीकार हैं, जिन्होने लोकगाथाओं को गद्य का रूप प्रदान किया है। चंदैनी, लोरिक चंदैनी की प्रेमकथा के आधार पर लिखी गई लंबी प्रणयकथा है।
सन् 1955 में रायपुर से छत्तीसगढ़ी मासिक एवं बिलासपुर से डाॅ. विनय कुमार पाठक द्वारा संपादित ‘‘भोजली’’ से छत्तीसगढ़ी गद्य साहित्य ही नहीं वरन छत्तीसगढ़ी कथा साहित्य को गति एवं प्रतिष्ठा मिली।
छत्तीसगढ़ी लोक कथात्मक कहानी
छत्तीसगढ़ लोक कथात्मक कहानियों की दृष्टि से ‘‘सुसक झन कररी सुरता ले’’ पालेश्वर शर्मा कृत, ‘‘डोकरी के कहिनी’’ पं. रविशंकर शुक्ल कृत, ‘‘भोलवा भोलाराम बनिस’’, श्यामलाल चतुर्वेदी कृत उल्लेखनीय है। ये रचनाएं छत्तीसगढ़ी कथा साहित्य को विशिष्ट संस्कार प्रदान करती है।
छत्तीसगढ़ी समाजिक कहानी
छत्तीसगढ़ी सामाजिक कहानियों में श्री शंकरलाल शुक्ल की ‘‘मनखे ला कतका भुइयां चाही’’ श्री ध्रुवराम वर्मा की ‘‘हाय रे मोर मसूर तय नहीं दूसर’’ आदि प्रारंभिक कहानियों अंचल की सामाजिक एवं लोक जीवन का रेखांकन करती है। श्री रंजनलाल पाठक, छत्तीसगढ़ी लघुकथा के प्रवर्तक माने जाते है। श्री शिवशंकर शुक्ल की रधिया नारी जीवन पर आधारित पाॅच कहानियों का चर्चित कहानी संग्रह है।
aapne bahut hi sundar kanahiyo ko likha hai mujhe padhkar ke achha laga happy diwali
जवाब देंहटाएं10th marathi rasgrahan pdf
frohe Weihnachten