छत्तीसगढ़ी उपन्यास (CG Upaniyash)


छत्तीसगढ़ उपन्यास हिन्दी से अनुप्राणित एवं आंचलिकता पर आधारित है। छत्तीसगढ़ी में उपन्यास लेखन एवं प्रकाशन की अल्पता है। कारण छत्तीसगढ़ी उपन्यास लेखन की उदासीनता या छत्तीसगढ़ी उपन्यास के प्रति साहित्यिक वातावरण का अपर्याप्त होना हो सकता है।

श्री शिवशंकर शुक्ल जी कृत छत्तीसगढ़ के प्रथम उपन्यास ‘दियना के अंजोर’ 1964 में ज्योति प्रकाशन रायपुर से प्रकाशित हुआ। यह उपन्यास विभागीय हिन्दी साहित्य सम्मेलन रायपुर द्वारा पुरस्कृत है। मोगरा श्री शिवशंकर शुक्लकृत दूसरा उपन्यास है। ‘‘मोगरा’’ छत्तीसगढ़ी नारी जीवन पर केन्द्रित उपन्यास है। ठाकुर हृदय सिंह चैहान कृत ‘‘फूटहा करम’’ एक नारी की नियति पर आधारित उपन्यास है। ‘‘छेरछेरा’’ 1983 में जो बेमेतरा निवासी कृष्णकुमार शर्मा कृत है। यह उपन्यास विनोबा भावे का आदर्श एव अशिक्षित ग्रामीण परिवेश पर आधारित है।

2 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत बढ़िया 15 नम्बर दिला दिया

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  2. रामनाथ साहू के उपन्यास -कका के घर,भुइँया, माटी के बरतन और जानकी प्रकाशित हुए।प्रथम तीन उपन्यास तो छत्तीसगढ़ी के मुखपत्र' छत्तीसगढ़ी लोकक्षर'में किश्तों में लगातार छपते रहे थे । रामनाथ साहू के दो नाटक-जागे जागे सुतिहा गो! और हरदी पींयर झांगा पागा भी प्रकाशित हैं। कहानी संग्रह -गति मुक्ति भी चर्चित रही है।

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