क्रांतिवीर गुण्डाधूर


भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय अंचल के अनेक गुमनाम क्रांतिवीरों में बस्तर के गुण्डाधूर एक चमत्कारिक चरित्र हैं। इनका जन्म आदिवासी बस्तर के नेतानार ग्राम में हुआ था। घुरवा जाति का यह वीर युवक सन 1910 के आदिवासी क्रांति का प्रमुख सूत्रधार थे। इस समय अंग्रेजो के कुटिल शासन के प्रति जनआक्रोश बस्तर में क्रांति के रूप में प्रकट हुआ। सन 1909 में बस्तर की जनता ने इन्द्रावती नदी के तट पर एकत्र हुए और सर्वसम्मति से गंडाधूर को आन्दौलन का नेता चुना गया। निडर, सत्यवादी और पराक्रमी थे। एक फरवरी 1910 को समूचे बस्तर में क्रांति का भूचाल आ गया।
        गुण्डाधूर ने सर्वश्री मूरतसिंह बख्शी, बालाप्रसाद नाजिर, वीरसिंह बंदार और लाल कालिन्द्री सिंह के सहयोग से क्रांति का कुशल संचालक किया। क्रांति का संदेश गांव-गांव तक पहुंचाने के लिए आम की टहनियों में डारामिरी (लालमिर्ची) बांधकर भेजा जाता था। यह उनके क्रांति की पहचान थी। क्रांति में सबसे पहले अंग्रेजों के संचार-तंत्र को नष्ट करना था। रायपुर से मेजर गया और डी ब्रेट को बस्तर भेजकर अंग्रेजों ने क्रूतापूर्वक गांवों को जलाने के साथ-साथ अनेक निरपराध लोगों को फांसी पर लटकाया। अंग्रेजों की बंदूकों को सामना क्रांतिकारियों अपने परामपरागत हथियार तीरकमान , भाले, फरसे और टंगिया (कुल्हाड़ी) से किया। एक बार गुण्डाधूर ने अपने सैकड़ों साथियों के साथ मेजर गेयर को घेर लिया और अंग्रेज आत्म सर्मपण के लिए तैयार हो गए।
    गुण्डाधूर ने पुनः अपने सहयोगियों को एकत्रित कर ग्राम अलनार में अंग्रेजों से मुकाबला किया लेकिन एक बार एक विश्वासघाती ने अपने साथियों को बेसुध कर उसकी जनकारी अंग्रेजो को दे दी। गुण्डाधूर सैनिकों की बंदूकों का सामना करते हुए बच निकले। गुण्डाधूर के त्याग और बलिदान स्मरणीय तथा प्रेरणादायक है। जनश्रुतियों तथा गीतों में भी गुण्डाधूर की वीरता का वर्णन मिलता है।
भूकाल आंदोलन के नायक गुण्डाधूर, की संगठन शक्ति, देशप्रेम और स्वाभिमान की भावना अद्भूत थी. 
उनकी इन्हीं भावनाओं को नयी पीढ़ी के लिये आदर्श के रूप में स्थापित करने के उदद्ेश्य से शासन के खेल और युवक कल्याण विभाग द्वारा खेलकूद के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले राज्य के खिलाड़ी या टीम को दो लाख रूपये की राशि और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है।
2001 - श्री आशीष अरोरा
2002 - श्री कृष्णा साहू
2004 - हैण्डबाॅल दल सीनियर महिला वर्ग, भिलाई   श्री अमरदीप सिंह राय
2005 - श्री नोह रोनाल्ड इमानुएल   - कु. संतोष मांझी
2006 - कु. रीना साहू   कु. प्रीति बंछोर
2009 - श्री रूस्तम सारंग
2010 - श्री मृणाल चैबे
2011 - कु. सवा अंजुम
2012 - अजय दीप सारंग