भगत सिंह का जन्म 27 सितंबर, 1907 को लायलपुर ज़िले के बंगा में (अब पाकिस्तान में) हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है। उनका पैतृक गांव खट्कड़ कलाँ है जो पंजाब, भारत में है। उनके पिता का नाम किशन सिंह और माता का नाम विद्यावती था। भगत सिंह का परिवार एक आर्य-समाजी सिख परिवार था। भगत सिंह करतार सिंह सराभा और लाला लाजपत राय से अत्याधिक प्रभावित रहे।
13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बाग हत्याकांड ने भगत सिंह के बाल मन पर बड़ा गहरा प्रभाव डाला। उनका मन इस अमानवीय कृत्य को देख देश को स्वतंत्र करवाने की सोचने लगा। भगत सिंह ने चंद्रशेखर आज़ाद के साथ मिलकर क्रांतिकारी संगठन तैयार किया।
लाहौर षड़यंत्र मामले में भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू को फाँसी की सज़ा सुनाई गई व बटुकेश्वर दत्त को आजीवन कारावास दिया गया।
भगत सिंह को 23 मार्च, 1931 की शाम सात बजे सुखदेव और राजगुरू के साथ फाँसी पर लटका दिया गया। तीनों ने हँसते-हँसते देश के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया
भगत सिंह एक अच्छे वक्ता, पाठक व लेखक भी थे। उन्होंने कई पत्र-पत्रिकाओं के लिए लिखा व संपादन भी किया।
उनकी मुख्य कृतियां हैं, 'एक शहीद की जेल नोटबुक (संपादन: भूपेंद्र हूजा), सरदार भगत सिंह : पत्र और दस्तावेज (संकलन : वीरेंद्र संधू), भगत सिंह के संपूर्ण दस्तावेज (संपादक: चमन लाल)।
* छत्तीसगढ़ में आजादी की पहल करने वाले शहीद वीर नारायण सिंह प्रेरणा पुरूष है,
* छ.ग. शासन के आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा आदिवासी एवं पिछडे़ वर्ग के उत्थान के लिये कार्य करने वाले को प्रशस्ति पत्र एवं दो लाख रूपये की सम्मान राशि दी जाती है।
2001 -आदिवासी शिक्षण समिति पाडि़मार
2002 - लहर समाज सेवी संस्था जांजगीर
2004 - सनातन संत समाज गहिरा
2005 - शवरी कन्या आश्रम रायपुर
2006 - गोडऱ्ी विद्यापीठ सिंगनपुर बस्तर
2010 - डाॅ. सुनील कालड़ा
2011 - श्री स्वामी रामानंद
2012 - अजित अरविंद