गाथा युग - Gatha Yug


  • इतिहास की दृष्टि से छत्तीसगढ़ी का गाथा युग स्वर्ण युग कहा जाता है। 
  • रामायण, महाभारत में छत्तीसगढ़ का विषेष स्थान है।
  • बौद्ध दार्षनिक नागार्जुन ने आरम्भ सूत्र यही खोजे थे।
  • 875 ई. चेदिराज कोकल्ल के पुत्र कलिगंगराज ने षुरूआत किया
  • कलिंग राज के पुत्र रत्नेष ने ही रतनपुर की स्थापना किया।
  • 1000 ई. से 1500 ई. तक छत्तीसगढ़ के अनेकानेक गाथाओं की रचना हुई जिसने प्रेम और बीरता का अपूर्ण विन्यास हुआ।
  • गाथाओं पीढ़ी-दर-पीढ़ी मौखिक रूप से होता था।
  • गाथाओं का विवेचन प्रेम प्रधान, पौराणिक और धार्मिक रूप में किया जाता है।



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