छत्तीसगढ़ में भोंसले शासन Chhattisgarh Bhosla Shashan


नागपुर के मराठा सरदार भोंसले थे। इसके सहीं संस्थापक रघुजी भोंसला ही थे। इसीलिए इन्हें महान रघुजी कहा जाता था। छत्रपति द्वारा सनद प्राप्त कर इनकी शक्ति व सत्ता स्थापित हुई थी। छत्रपति साहूजी ने जो सनद रघुजी को दिया था, उसके अनुसार उन्हें ‘बरार, गोंडवाना, बंगाल, छत्तीसगढ़, पटना, इलाहाबाद, मकसूदाबाद,’ का प्रदेश अधिकृत करने कहा गया। बखर भी इसे उल्लेखित करता है। इन भागों को उन्हें हस्तगत करना व मराठा प्रभाव स्थापित करना था। 1735 से 1755 ई. पर्यन्त रघुजी भोंसले का 20 वर्षीय काल, मराठा इतिहास में बहुत महत्व रखता है। छत्तीसगढ़ में उनकी विजयी सेना ने प्रवेश किया और यहां भी मराठा प्रभुत्व स्थापित किया। भास्कर पंत नामक योग्य ब्राम्हण सेनापति ने यह कार्य संपादित किया। सन् 1741 ई. में तीस हजार सैनिकों के साथ भास्कर पंत ने रतनपुर पर विजय प्राप्त की।

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