बम्बाजी का शासन कब से - Bimba g ka Shashan


रतनपुर के प्राचीन महल में प्रवेश कर बिम्बाजी ने छ.ग. के शासन की बागडोर संभाली। 4 फरवरी 1757 ई. से बिम्बाजी भोंसले के शासन को प्रारंभ लिखते है। बिम्बाजी जब नागपुर से रवाना हुए तब अपने साथ अनुभवी व योग्य मराठों को रखे। नए प्रदेश में शासनतंत्र को स्थापित करने और समस्त सूत्रों के केन्द्रीयकरण के लिए अपेक्षित था। नया शासक अपने ढंग से शासन को सुधारने के लिए अपने मराठा सहायकों को पदस्थ किया। घोड़ो महादेव, कृष्णाजी उपाध्ये, महमदर्खा, कादरखां, नीलू पंडित, महाडिक आदि लोगों के साथ बिम्बाजी ने छ0ग0 में पदार्पण किया।
1757 ई. में छ0ग0 आने के पश्चात् भी बिम्बाजी नागपुर की राजनीति में उलझे रहे। 1761 ई. तक नागपुर की राजनीति में रूचि रहने के कारण बिम्बाजी ने छ0ग0 का ख्याल नहीं किया।

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