अपन हाथ म नागर धरे, वो हर जग म खेती करें (Apan Hath m nagar Dhare - Chhattisgarhi CG)

छत्तीसगढ़िया मन बर भात-बासी हा जरूरी जिनिस आय, काबर के हमर छत्तीसगढ़ ह ‘धान के कटोरा’ कहिलाथे। भात-बासी बर चांउर जरूरी होथे। चांउर पिसान के चीला, चौसेला अउ फरा हा सब्बो छत्तीसगढ़िया मन के मन ला अड़बडे़च भाथे। चांउर हा छत्तीसगढ़ के संग म बंगाल, बिहार, उड़ीसा, आन्ध्रप्रदेश, जइसे राज मन के घलो मुख्य भोजन आय। पंजाब, हरियाणा, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र राज में में मुख्य भोजन गहूं हर आय, फेर थोकिन चांउर खाय बिना वोखरो मन के मन ह नइ माड़य। चाउंर ला जम्मो भारत में पसन्द करे जाथय तेखरे सेती भारत कोनो भी सहर में सादा राइस, मसाला राइस, राइस पुलाव, राइस बिरयानी आसानी के साथ मिल जाथे। एसिया के कतकोन देस अइसे हे जिहां के मनखे मन हा दिन म दू से तीन बार तक चांउर खाथें। म्यांमार के एकझन मनखे हा औसतन 195 किलो अउ कम्बोडिया में 160 किलो चांउर एक साल मे जाथे। यूरोप के देस मन म चांउर कम खाए जाथे, अमरीका में एकझन मनखे हा औसतन 7 किलो अउ 3 किलो चांउर खाथे। मनखे हा सबसे पहिली चांउरेज के खेती करना सुरू करे रहिस हे। हड़प्पा सभ्यता म, जउन हा आज ले करीब पांच हजार साल पुराना सभ्यता ए, चांउर के खेती के परमान मिले हे। जादातर देस में जतका चांउर उगथे, करीब-करीब ओतकेच चांउर खा लिए जाथे। तेखरे कारन संसार के देस मन में उगाए जाने वाला चाउर के सिरिफ पांच फीसदी चांउर भर के ही निरयात होथे। सबसे ज्यादा चांउर के निर्यात करने वाला देश थाईलैंण्ड ए जिहां ले हर साल पचास लाख टन चॉउर दूसर देस मन में जाथे। वोखर बाद अमरिका के नम्बर आथे जउन हा हर साल तीस लाख टन चांउर के निरयात करथे। अमरिका के बाद विएतनाम हा हर साल बीस टन चांउर निरयात करथे। कहे जाथे संसार भर में 1, 40, 000 किसम के धान उगाए जाथे, फेर सोधकरता मन बर बनाए गए अर्न्तराष्ट्रीय जीन बैंक में धान के करीब 90000 किसम मन ला ही जमा करे जा सके है। हमर देस में जादातर पसन्द करे जाने वाला चांउर के किसम हे - बासमती, गोविंद भोग, तुलसी अमृत, बादशाह भोग, विष्णु भोग, जवाफूल, एच.एम.टी. आदि। फेर धान के खेती हा अड़बडे़च महनत के काम ए। किसान ला चिखला-माटी म सने भुइयॉ में हल अउ बइला के संग में करीब बत्तीस किमी रेंगे बर परथे। धान के पौधा मन ला झुके-झुके रोपना हर कमर ला तोड़ के रख देथे। तेखरे सेती कथव के ‘‘अपन हाथ म नागर धरे, वो हर जग म खेती करें।


जीके अवधिया

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