गोवर्धन (Govardhan)

01. कार्तिक शुक्ल पक्ष के प्रथम तिथि को सार्वजनिक स्थानों खासकर गौठान जहां गांव के सभी लोगों के मवेशी सुबह चरवाहों द्वारा एकत्र किये जाते है, 
02.उसे स्थान पर चरवाहों द्वारा साज-सज्जा के साथ एवं बाजा-गाजा के साथ गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाकर इसे एक बछिया के पैर से रौंदा जाता है। 
03. इस गोबर को उपस्थित सभी लोगों द्वारा एक दूसरे के मस्तक पर टीका लगाकर यथायोग्य अभिवादन करते है। 
04. मैत्री स्थापित करने वाले दो व्यक्तियों द्वारा एक-दूसरे के मस्तक पर गोल लगाकर दोनों परिवार आपस में यथोचित रिश्तेदारी निभाते है।

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