महाप्रसाद


* महाप्रसाद जगन्नाथ पुरी मंदिर में पूजा के बाद प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है। 
इसी महाप्रसाद को छत्तीसगढ़ अंचल में दो व्यक्ति जो किसी भी जाति के हों, आपस में विचार मिलने पर, किसी पर्व या कोई धार्मिक कार्यक्रम आयेाजित कर आपस में महाप्रसाद ग्रहण करते है 
* महाप्रसाद ग्रहण किये दोनों व्यक्तियों के परिवार के बीच में पूर्णतः पारिवारिक संबंध स्थापित हो जाता है। इन दोनों परिवार के रिश्तेदारों को भी समान रिश्ता मानकर निभाया जाता है। यहां तक कि शादी या किसी की मृत्यु हो जाने पर मृतक कर्म के रिवाज के अनुसार रस्म अदायगी की जाती है। 
* यह मैत्री दो महिलाओं के बीच भी स्थापित की जा सकती है। इस अवसर पर पिढ़वा (पाटा) में खड़ा होकर आपस में एक दूसरे को नारियल, सुपाड़ी, धोती या साड़ी भेंट कर हाथ जोड़कर सीताराम महाप्रसाद बोलते है।

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